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hindikavita निहारते उन्हें देखते हुए मन के उपवन में वतन को हैं एक पुरानी कहावत रिश्तों को बेमौत ना मारें ख्याल रिश्ते अनमोल हैं पदचाप सुनी कृपया रिश्तों को अवश्य निभाएं याद करते लहरें पन्ने सहम जाते हैं हम तुम्हारा हमें इंतजार है अनुकम्पा बैठे हैं प्रतीक्षा में मंजिल के बैठे बैठे putinwords

Hindi दामन को फैलाए बैठे हैं Poems